भारत के सभ्य और समर्थ होने की दिशा: धार्मिक सुधार आन्दोलन
( संजय श्रमण )
पहले तरह के लोग और उनकी प्रतिक्रिया:
ये वे लोग हैं जिनके परिवार, गाँवों गली मुहल्लों रिश्तेदारों में पुराने शोषक धर्म के कारण बहुत सारा भेदभाव और दुःख पसरा हुआ है. ये लोग नयी…