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राजनीति

शोषित समाज पर अत्याचार लगातार जारी हैं, ऐसा क्यों ?

(बी एल बौद्ध) कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन चल रहा है जिसके कारण साइकिल से लेकर हवाई जहाज तक सब कुछ रुका हुआ है लेकिन ऐसे में भी शोषित समाज पर जुल्म और अत्याचार लगातार जारी हैं, ऐसा क्यों ?ताजा घटना राजस्थान के जोधपुर जिले की है वहां

साम्प्रदायिक हिंसा का धर्म से कितना सम्बन्ध है !

-राम पुनियानी दिल्ली में हुए खून-खराबे, जिसे मुसलमानों के खिलाफ हिंसा कहना बेहतर होगा, ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. विभिन्न टिप्पणीकार और विश्लेषक यह पता लगाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं कि इस हिंसा के अचानक भड़क उठने के पीछे क्या

दीनदयाल उपाध्याय और दलबदल !

दलबदल एक ऐसा संक्रामक रोग है जो हमारी संसदीय व्यवस्था को खोखला कर रहा है। इस रोग की गंभीरता को अन्य लोगों के अलावा जनसंघ के संस्थापक और भारतीय जनता पार्टी के लाखों सदस्यों के प्रेरणास्त्रोत दीनदयाल उपाध्याय ने भी समझा था। उन्होंने 27 फरवरी

देशद्रोह (सेडिशन) कानून का दुरूपयोग !

- एल. एस. हरदेनिया इस समय हमारे देश में देशद्रोह (सेडिशन) कानून का जबरदस्त दुरूपयोग हो रहा है. ऐसा ही एक मामला हाल में कर्नाटक में हुआ है. कर्नाटक के बीदर नामक नगर के एक स्कूल में एक नाटक खेला गया था. नाटक में नागरिकता संशोधन

क्या ट्वीट है न्याय का नया तरीका !

राजस्थान प्रदेश दलित अत्याचार का केन्द्र बन गया है, आये दिन एक के बाद एक गम्भीर घटनाएं सामने आ रही है, लेकिन सरकार बस ट्वीट करके घटनाओं से पल्ला झाड़ लेती है, क्या ट्वीट से पीड़ितों को न्याय मिल जाता है ?  In the horrific incident

राजस्थान के दलितों को अपनी रक्षा खुद ही करनी होगी !

- भँवर मेघवंशी नागौर जिले के करणू गांव में दो दलित युवाओं के साथ जिस तरह से क्रूर,निर्मम व भयानक अत्याचार किया गया है,उसको लेकर मुझे कुछ बातें कहनी है ............ 1- मत भूलिये कि नागौर जिला लंबे समय से क्रूरतम दलित

दिल्ली विधानसभा चुनाव “संयोग” नहीं, “काम” का प्रयोग है !

-  चंद्र भूषणदिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की "हैट्रिक" परंपरागत राजनीति के मिथक को तोड़ने वाला साबित हुआ है। काम के बल पर और सकारात्मक (पॉजिटिव) राजनीति के बूते चुनाव जीतना शायद आजाद भारत में यह पहली घटना है। इसे यूं  कह

राजस्थान में अनुसूचित जाति व जनजाति उपयोजनाओं पर कानून बनाने की मांग ने जोर पकड़ा

4 फरवरी, 2020-राजस्थान में अनुसूचित जाति व जनजाति उपयोजनाओं पर कानून बनाने की आवश्यकता पर बजट अध्ययन एवं अनुसंधान केन्द्र (BARC), सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान (SR Abhiyan), दलित अधिकार केन्द्र (CDR), अखिल भारतीय

जानबूझकर कम बजट आवंटित कर मनरेगा को कमजोर कर रही है मोदी सरकार- शंकर सिंह

3 फरवरी, 2020, भीम (राजसमंद) आज महात्मा गाँधी नरेगा के 14 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राजसमंद जिले की भीम पंचायत समिति के सामने प्रदर्शन किया गया और उससे पहले मनरेगा मजदूरों ने पूरे भीम शहर में रैली निकाली. रैली में मजदूरों ने बड़ी तादाद

केन्द्रीय सत्ता ने विश्वविद्यालयों के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा हैं- मेघवंशी

सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था बचाने के लिये एकजुट हो विद्यार्थी -डॉ. विक्रमसिंह वर्तमान दौर में उच्च शिक्षा के समक्ष चुनौतियाँ एवं उसके समाधान" विषय सेमिनार सम्पन्न जोधपुर 17 जनवरी। स्टूडेंट्स फैडरेशन ऑफ इण्डिया (एसएफआई) के आव्हान् पर