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नज़रिया
क्या गाँधी ने सावरकर से दया याचिका प्रस्तुत करने के लिए कहा था?
( राम पुनियानी )
हिन्दू राष्ट्रवाद अपने नये नायकों को गढ़ने और पुरानों की छवि चमकाने का हर संभव प्रयास कर रहा है. इसके लिए कई स्तरों पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. हाल में 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) को महात्मा गाँधी के हत्यारे!-->!-->!-->!-->!-->…
लखबीरसिंह के हत्यारे नानक-धर्म की रूह के भी हत्यारे हैं !
त्रिभुवन
( लखबीर सिंह के हत्यारे नानक धर्म की रूह के भी हत्यारे हैं ,ठीक उसी तरह जैसे इस्लामिक, जैसे हिन्दू और जैसे बाकी सब )
पंजाबी के कवि प्रोफ़ेसर मोहनसिंह के काव्यसंग्रह 'सावे पत्तर' में एक कविता है, 'रब'। इसकी शुरू की पंक्तियां!-->!-->!-->!-->!-->…
गाँधी जयंती: क्यों आया ट्विटर पर गोडसे जिंदाबाद का तूफ़ान ?
( राम पुनियानी )
गत 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती, 2021) को ट्विटर पर ‘नाथूराम गोडसे अमर रहे’ और ‘नाथूराम गोडसे जिंदाबाद’ की ट्वीटस का अंबार लग गया. ये नारे उस दिन भारत में ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे. यह देखकर कई लोगों को बहुत धक्का लगा. जो!-->!-->!-->…
उफ्फ! एक दशक बाद अब आसाम में एक और भजनपुरा
डायरी (24 सितंबर, 2021)
( नवल किशोर कुमार )
बाजदफा यह सोचता हूं कि क्या किसी एक मुल्क में एक ही मजहब को मानने वाले लोग हो सकते हैं? यदि हां तो क्या वह मुल्क दुनिया का सबसे सुंदर मुल्क होगा? सबसे सुंदर का मतलब यह कि वहां अपराध नहीं!-->!-->!-->!-->!-->…
“ हिन्दुत्व अपने जन्म से ही जातिवादी और दलित विरोधी है !”
( डिस्मेन्टलिंग ग्लोबल हिंदुत्व कॉन्फ्रेंस में मेरा भाषण )
तमाम चुनौतियों व खतरों के बावजूद यह कॉन्फ्रेंस हो रही है ,यह ख़ुशी की बात है. इस कॉन्फ्रेंस में आपने मुझे वक्ता के रूप में बुलाया और अपनी बात रखने का मौका दिया,इसके लिए मैं!-->!-->!-->!-->!-->…
“ हिन्दुत्व के हिमायती हमको बोलने क्यों नहीं देते प्रधानमंत्री जी ?”
( खुला पत्र )
प्रिय प्रधानमंत्री जी,
जय भीम !
मैं राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक गाँव से यह पत्र आपको लिख रहा हूँ.मैं एक लेखक ,पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता हूँ और खेती किसानी करता हूँ तथा दलित,आदिवासी और घुमंतू जैसे वंचित!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
विभाजन की विभीषिका को क्यों याद करें हम?
( राम पुनियानी )
भारत का बंटवारा 20 वीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक था. बंटवारे के दौरान जितनी बड़ी संख्या में लोगों की जानें गईं और जिस बड़े पैमाने पर उन्हें अपने घर-गांव छोड़कर सैकड़ों मील दूर अनजान स्थानों पर जाना!-->!-->!-->!-->!-->…
स्वतंत्र भारतः सपने जो पूरे न हो सके
( राम पुनियानी )
औपनिवेशिक शासन से भारत की मुक्ति के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वाधीनता आंदोलन के नेताओं के सपनों और आकांक्षाओं का अत्यंत सारगर्भित वर्णन अपने प्रसिद्ध भाषण 'ए ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी' में किया था.!-->!-->!-->…
डॉ रणदीप गुलेरिया- भारत के सबसे ख़ाली डॉक्टर का नाम जो दिन भर टीवी पर रहते हैं !
( रवीश कुमार )
इस वक़्त भारत में दो तरह के डॉक्टर हैं। एक तरफ़ वो सैंकड़ों डॉक्टर हैं जो जान लगा कर मरीज़ों की जान बचा रहे हैं। दूसरी तरफ़ अकेले एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया हैं, जो टीवी पर आने के लिए दिन भर जान लगाए रहते हैं।!-->!-->!-->…
पे बैक टू सोसाइटी: सर्व फॉर योर सोसाइटी
( पवन बौद्ध )
वर्तमान परिपेक्ष में रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य हर किसी व्यक्ति की बुनियादी आवश्यकताओं में से एक है। आजादी से पहले आजादी के पश्चात देश में कई ऐसी श्रेणीगत असमानता, राजनीतिक स्तर का सामाजिक रवैया, वैचारिक विचारों!-->!-->!-->…