बाबरी ध्वंस से राममंदिर: भारतीय राजनीति की बदलती दशा और दिशा
स्वाधीन होने के बाद भारत ने जो दिशा और राह चुनी, उसकी रूपरेखा जवाहरलाल नेहरु के ‘ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी’ भाषण में थी. नेहरु ने कहा, “भारत की सेवा का अर्थ है लाखों-लाख पीड़ितों की सेवा. भारत की सेवा का अर्थ है निर्धनता, अज्ञानता, रोग और अवसर की…