जयपुर, 14 अप्रैल 
वर्तमान मीडिया में हाशिये के समुदायों का लगभग शून्य प्रतिनिधित्व है। कथित मुख्यधारा का मीडिया सवर्ण, सांप्रदायिक और कॉर्पोरेट हितों की सेवा में लगा हुआ है। हिन्दुत्व की राजनीति इन्हीं सवर्ण और कॉर्पोरेट हितों के नाव पर सवार है। हमारे देश का अधिकांश मीडिया न सिर्फ़ जातिवादी है, बल्कि यह अपनी संरचना और विचारधारा में महिला और अल्पसंख्यक विरोधी भी है। यह विचार चर्चित अंग्रेज़ी कवियत्री और सामाजिक कार्यकर्ता मीना कंडासामी ने ‘ग्लोबल मीडिया एजुकेशन काउंसिल’ द्वारा अंबेडकर जयंती पर आयोजित एक ऑनलाईन व्याख्यान के दौरान कही। 


अंबेडकर विधि विवि और हरिदेव जोशी पत्रकारिता विवि जयपुर के कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने मुख्य अतिथि के बतौर संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया को लोकतंत्र में सभी समूहों की सार्थक भागीदारी को सुनिश्चित करना होगा। लोकतंत्र में यह ज़रूरी होता है कि वंचित तबक़ों की आवाज़ को ध्यान से सुना जाए। क्यूंकि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में सभी नागरिकों की बराबर की हिस्सेदारी होनी चाहिए। तभी देश की सही प्रगति को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का सपना भी यही था कि देश के हरेक नागरिक को सामाजिक और आर्थिक नये मिले।  
‘ग्लोबल मीडिया एजुकेशन काउंसिल’ के अध्यक्ष और माखनलाल चतुर्वेदी विवि भोपाल के कुलपति प्रो. के जी सुरेश ने वक्ताओं का स्वागत किया। प्रो. के जी सुरेश ने इस मौक़े पर कहा कि हमें मीडिया शिक्षा का एक एशियाई परिप्रेक्ष्य विकसित करना होगा।          

हरिदेव जोशी विवि के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर और जनसंचार संकाय के डीन डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर डॉ. अनिल ने कहा कि आज हमारे देश में मुख्यतः तीन समुदाय हैं जो हाशिये पर हैं। दलित, आदिवासी और मुस्लिम। इन तीनों समुदायों की अवाज़ों को मुख्यधारा का मीडिया लगातार नज़रअंदाज़ करता है। मीडिया के निर्णायक पदों पर इन समुदायों का न्यूनतम प्रतिनिधित्व है, इसलिए इन समुदायों की आंतरिक हलचलें राष्ट्रीय फलक पर नहीं दिखती हैं। 
इस मौक़े पर चर्चित पत्रकार ज्योति यादव ने कहा कि मीडिया में दलितों को अक्सर दीनहीन तरीक़े से पेश किया जाता है, जबकि उनकी पहचान और उनके संघर्षों को जगह नहीं दी जाती है। ज्योति ने कहा कि डिज़िटल माध्यमों के आने से दलित और महिलाओं की एक अच्छी संख्या अब मीडिया मे अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रही है और ये पहली पीढ़ी के शिक्षित दलित और महिलायें पत्रकार बनकर अपने समुदाय की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।

 
इस व्याख्यान में बैंगलुरु विवि के मीडिया विभाग के अध्यक्ष और प्रोफ़ेसर नरसिंहामूर्ति को मीडिया शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने के लिए सम्मानित किया गया।

 
कार्यक्रम का संचालन चर्चित पत्रकार और हरिदेव जोशी पत्रकारिता विवि में एडजंक्ट फ़ैकल्टी तबीना अंजुम कुरैशी ने किया। इस अवसर पर तबीना ने कहा कि इस मंच के माध्यम से यह कोशिश की गई है कि एक बेहद अहम मुद्दे पर मीडिया के शिक्षकों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच एक संवाद स्थापित किया जाए। ताकि सामाजिक न्याय के मुद्दों पर एक साझी राय बनाई जा सके।

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