(  जवाबदेही यात्रा पहुंची चित्तौड़गढ़ )

चित्तौड़गढ़, 3 जनवरी, 2022 जवाबदेही यात्रा आज 15वें दिन चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पहुंची। जहां पर यात्रा की ओर से शहर के बीच सुभाष चौक में सभा की। सभा के दौरान चित्तौड़गढ़ जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आएं महिला पुरुषों ने अपनी समस्याएं रखी और अपनी समस्याओं को शिकायत पत्र पर दर्ज भी करवाया, उक्त शिकायतों को सरकार तक निस्तारण के लिए पहुंचाया गया।


सुभाष चौक पर पहुंचते ही लोगों ने जबरदस्त नारेबाजी की। यहां पर सभा हुई जिसमें सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान से जुड़े शंकर सिंह ने कहा कि आज हम हमारे छोटे छोटे काम के लिए घूमते रहते हैं और उसे कई वर्ष होने पर भी काम नहीं होता है। सरकार को चलाने और  सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की तनख्वाह हमारे पैसों से दी जाती तो हम क्यों अपने काम के लिए भटकते रहते है, उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।  

अभियान से जुड़े पारस बंजारा ने सवाल उठाया कि घुमंतू जो हर जगह बड़ी संख्या में निवास करते हैं उनको प्रशासन गांव/ शहर के संग अभियान के दौरान भी ना के बराबर पट्टे दिए गए जबकि उनके पास रहने का कोई दस्तावेज नहीं होने की वजह से दूसरे कागज भी नहीं बन पाते हैं। इनको हर हालत में पट्टे जारी होने चाहिए लेकिन होते नहीं हैं इसलिए हमको जवाबदेही चाहिए।

सभा को संबोधित करते हुए छवि शर्मा ने कहा कि पारदर्शिता नहीं होने से आंगनवाडियों में क्या लाभ कोरोना के दौरान मिल रहा है इसकी वजह से लोग अपना हक नहीं ले पा रहे हैं। जन स्वास्थ्य अभियान से जुड़े डा. नरेंद्र गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति का जीवन स्वस्थ रहने से ही जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले अच्छा पोषण चाहिए और उसके बाद यदि बीमार हो जाएं तो आधा किलोमीटर की दूरी पर अस्पताल होना चाहिए और और फिर मोटर से जाने पर एक घंटे में गंभीर बीमारियों के इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए सरकार ने बजट में घोषणा की कि स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनाया जायेगा लेकिन आज तक नहीं लाया गया है। ऐसा लगता है कि सरकार जवाबदेही से बचना चाहती है।

नागरिक सहायता केंद्र निंबाहेड़ा से जुड़े सिराज खान ने कहा कि मैं चित्तौड़गढ़ धरती पर यात्रा का स्वागत करता हूं और हम सब जानते हैं कि हमारे काम नहीं होते हैं चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ते हैं इसलिए एक समय आधारित व्यवस्था बननी चाहिए जिसमें सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और जन प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय हो।  

सामाजिक कार्यकर्ता हरलाल बैरवा ने कहा कि हमको ये तो पता चलना चाहिए कि हमारा काम कब तक हो जायेगा वो स्कूल का हो, नरेगा का हो, स्वास्थ्य का हो, थाने का हो, कोर्ट का हो, हम चक्कर पर चक्कर लगाते जाते है और काम है कि आगे खिसकता ही जाता है, हमें ये पता होना चाहिए कि हमारा इस तारीख तक काम पूरा हो जायेगा, इसलिए हमको जवाबदेही कानून चाहिए हर हालत में चाहिए। कई ऐसे उदाहरण है जो ये बताते है कि बिना जवाबदेही के काम ऐसे ही आगे खिसकते रहते हैं।सभा के दौरान रामेश्वर शर्मा, बापुनाथ, माधव, मंजू शर्मा, कमल कुमार आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखें। 


 सुभाष चौक से जिला कलेक्टर कार्यालय तक निकाली रैली

सुभाष चौक से जिला कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली जिसकी शुरुआत में नेताजी सुभाष चंद बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आंदोलन को आगे बढ़ाने की प्रेरणा ली। रैली में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने हिस्सा लिया। रैली में लगे जवाबदेही कानून बनाए जाने के बारे और जिला प्रशासन जवाबदेह बनो के नारे लगे। 


 जिला प्रशासन एवं जिला कलक्टर के साथ हुई बैठक

जिला कलेक्टर ताराचंद मीना, मुख्य कार्यकारी अधिकारी दाताराम एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के भाग लिया। तथा अभियान की ओर से सिराज खान, रामेश्वर शर्मा, भंवर मेघवंशी, पारस बंजारा, कमल कुमार, छवि शर्मा, मुकेश निर्वासित, हरलाल बैरवा, बापुनाथ, मंजू शर्मा,  बालाजी, विनीत, जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे। जिला कलेक्टर ने लगभग 1.5 घंटे तक सभी को सुना और जो शिकायतें आईं उनको दर्ज  कर निश्चित समयसीमा में निपटारा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने सामाजिक संगठनों को एक प्रस्ताव दिया कि यदि 2 महीने में एक बार नियमित बैठक हो तो काफी उपयोगी रहेगी जिसका सामाजिक संगठनों की ओर से स्वागत किया गया और आगे से ऐसे संवाद आयोजित करने के लिए पहल करने की बात कही। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *