राजस्थान मे “जवाबदेही कानून” बनाने की पैरवी को लेकर दूसरी यात्रा का शुरुआत 20 दिसंबर 2021 से, अरुणा रॉय के नेतृत्व में की जाएगी !
20 दिसंबर, 2021 से राजस्थान में दूसरी जवाबदेही यात्रा जयपुर के शाहिद स्मारक से, सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय के नेतृत्व में शुरू होगी| यह यात्रा 45 दिनों की अवधि में राजस्थान के सभी 33 जिलों में एक डेढ़ – दिन बिताएगी व 2 फरवरी को वापस जयपुर पहुंचेगी I यात्रा एक बड़ी बस और ‘आरटीआई ऑन व्हील्स’ नामक एक वैन में की जाएगी और इसमें हर जिले में स्थानीय संगठन और स्थानीय लोग शामिल होंगे। यह यात्रा सूचना एवम रोजगार अधिकार अभियान (एसआर अभियान) के मंच के तहत की जा रही है I इस अभियान के तहत मुख्य मांग रहेगी कि राजस्थान सरकार एक जवाबदेही कानून पारित करे जो नागरिकों के प्रति, सरकारी पदाधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करे, और नागरिकों को उनकी शिकायतों को दर्ज करने, उनकी शिकायतों के निवारण में भाग लेने और समयबद्ध तरीके से उनका निवारण करने का अधिकार प्रदान करे। प्रस्तावित जवाबदेही कानून,आरटीआई भाग-2 के रूप में आम नागरिकों को उनके पास मौजूद जानकारी पर कार्रवाई करने और अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए सरकार से जवाबदेही की मांग करने का अधिकार भी देता है।
अभियान द्वारा 2016 से 2018 तक इस कानून को बनवाने को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा था, की काँग्रेस पार्टी ने अपने 2018 विधानसभा के चुनाव घोषणापत्र में जवाबदेही कानून पारित करने की प्रतिबद्धता को शामिल किया। जब 2018 में कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनाई, तो अभियान ने सरकार को अपने वादे को पूरा करने और तत्काल जवाबदेही कानून पारित करने की वकालत की I राजस्थान सरकार ने एक राज्य स्तरीय समिति की स्थापना की जिसने 5 महीने के भीतर मसौदा प्रस्तुत किया। लेकिन राजस्थान सरकार ने अभी तक अति आवश्यक जवाबदेही विधेयक को पारित नहीं किया है। इसलिए राजस्थान की जनता ने चुनी हुई सरकार को उसके वादों की याद दिलाने का फैसला किया है और इसीलिए यह यात्रा I
लगभग 50 कार्यकर्ता हर समय यात्रा के साथ रहेंगे जो संविधानिक, लोकतांत्रिक व मानवाधिकार हकों के क्रियान्वयन, शिक्षा, स्वास्थ्य और कोविड, मनरेगा, राशन, पेंशन, मानवाधिकार, सूचना का अधिकार, खनन, सिलिकोसिस, पर्यावरण, दलित, आदिवासी, बेघर, घुमंतू-अर्द्धघुमंतू और लिंग, पेसा कानून आदि मुद्दों के क्षेत्रों में जवाबदेही की मांग करेंगे। यह आरटीआई कानून के क्रियान्वन को कराने का भी प्रयास करेगा ताकि राज्य और सार्वजनिक पदाधिकारियों की अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेही के लोकतांत्रिक और संवैधानिक जनादेश को मजबूत करने के लिए राज्य में पारदर्शिता बनाने पर किए गए कार्य को आगे बढ़ाया जा सके। यात्रा में जिलों और ब्लॉक स्तर पर बैठकें, सेमिनार, कार्यशालाएँ, आरटीआई / जवाबदेही क्लीनिक, थिएटर, गीत, नुक्कड़ सभा बैठकें, पर्चे का वितरण , प्रशासन के साथ चर्चा,र जिला मुख्यालयों में जवाबदेही ‘मेला’, आम जन की शिकायत दर्ज करना और लोगों के लंबित, और वर्तमान मुद्दों व शिकायतों को प्रशासन के सामने पेश करना आदि गतिविधियां की जाएगी I
ज्ञात हो की 2016 में, इसी अभियान ने एक जवाबदेही कानून के लिए जागरूकता लाने के लिए राज्य के सभी 33 जिलों को कवर करते हुए 100 दिवसीय यात्रा आयोजित की थीं। यात्रा में राज्य के लगभग 80 सामाजिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 कार्यकर्ताओं का एक समूह शामिल था, जो स्थानीय लोगों की शिकायतों को समझते थे और राज्य भर में सार्वजनिक संस्थानों के कामकाज की स्थिति को समझते थे। राज्य सरकार के आधिकारिक मंच राजस्थान संपर्क पर यात्रा में भाग लेने वाले लोगों द्वारा लगभग 10,000 शिकायतें दर्ज की गईं और आज भी उन पर कार्रवाई की जा रही है। लोगों की शिकायतों के तत्काल निवारण और राज्य के लिए जवाबदेही कानून पारित करने की मांग को लेकर 22 दिनों तक चले धरने के साथ यात्रा समाप्त हुई थी।
निवेदक : निखिल डे, शंकर सिंह, कविता श्रीवास्तव, आर.डी. व्यास, मुकेश निर्वासित, कमल टाँक, भंवर मेघवंशी, धर्मचन्द, पारस बंजारा, स्वरूप खान, प्रेम कंवर, तोलाराम, ईश्वर, मोहनराम, जनता बाई, रुकमा बाई, राजेन्द्र कुमार, चेतन राम, ताराचंद वर्मा, सुमन देवठीया, सरफराज, कैलाश मीणा, नौरत इत्यादि |