Month: January 2021

भीटा में अम्बेडकरवादियों का पुस्तकों से स्वागत !

भीलवाड़ा जिले की रायपुर पंचायत समिति की  भीटा ग्राम पंचायत के ग्राम सरेवड़ी ,भटेवर ,थोरिया खेड़ा,   भीलो का खेड़ा,  रूपा का खेड़ा,  दलित आदिवासी साथियों की मीटिंग बाबा रामदेव…

नाटक की सार्थकता उसके पढ़े जाने में नहीं, उसके देखे जाने में : असग़र वजाहत

(प्रो. असग़र वजाहत) हिन्दू कालेज में वेबिनार – दिल्ली। नाटक पढ़ने की चीज नहीं है, वह देखे जाने की चीज है। नाटक की सार्थकता उसके मंचन किये जाने में होती…

मायावती ,मीडिया और समाज की सोच

(सम्राट बौद्ध ) एक बार को आप भूल जाइए की आप कौनसी राजनीतिक विचारधारा से आते है और किस राजनेता को पसंद या नापसन्द करते है। भारतीय राजनीति में शिला दीक्षित,…

भारत में इस बार यह ‘वैक्सीन संक्रांति’ है !

(डॉ. महेश अग्रवाल)  वर्ष 2021 की यह मकर संक्रांति सचमुच सबसे अलग है। अलग इस मायने में कि अमूमन हर साल संक्रांति पर तिल-गुड़, पतंगबाजी, सूर्योपासना और शिव मंदिरों में…

राष्ट्रीय युवा दिवस पर मेरी स्वरचित कविता ” 21 वीं सदी का युवा ” पढ़िए !

( राजमल रेगर ) “21 वी सदी का युवा ”  में 21वी सदी का युवा देख रहा हूँ, सामाजिक कार्यकर्ताओं के जेलों मेंभरे जाने पर इनकी चुप्पी देख रहा हूँ, में इनका…

होना चाहिये था यह, ला दिये नये कृषि कानून !

(श्याम सुन्दर बैरवा)आज देशव्यापी किसान आंदोलन को चलते डेढ़ महीना होने जा रहा है, लेकिन मजाल कि तथाकथित ’किसान हितैषी सरकार’ ने कोई कड़ा फैसला लिया हो। जुमले पर जुमले…

मांडल में जार का जिला सम्मेलन सम्पन्न नैतिक मूल्य आधारित पत्रकारिता को बढ़ावा दिया जाए-मेघवाल

भीलवाड़ा. पत्रकारों के हितों के लिए प्रेस क्लब भीलवाड़ा जिले में जार के साथ सहभागिता निभायेगा-सुखपाल भीलवाड़ा-(मूलचन्द पेसवानी)जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान जार की भीलवाड़ा जिला शाखा का जिला सम्मेलन मांडल में…

सावित्रीबाई फुले:भारत की पहली अध्यापिका !

(एच.एल.दुसाध)आज देश की पहली महिला अध्यापिका व नारी मुक्ति आंदोलन की पहली नेत्री सावित्रीबाई फुले का जन्म दिन है.इसे लेकर विगत एक सप्ताह से सोशल मीडिया में उस बहुजन समाज…

जय पाल सिंह मुंडा भारत के आदिवासी समुदाय की पहचान थे !

(कमलेश मीणा)जयपाल मुंडा भारत के उन समुदायों के लिए वकालत कर रहे थे, जिन्हें “जंगली” और “आदिमानव” के नाम से जाना जाता था, जो इस ग्रह के मूल निवासी थे,…

आरएसएस से एक दलित स्वयंसेवक के मोहभंग की कहानी है -“ व्यामोह “

(भंवर मेघवंशी)मेरी कुल उम्र ( 47 वर्ष ) जितना समय आरएसएस में गुज़ारने वाले दलित स्वयंसेवक मूलचंद राणा ने न केवल संघ का परित्याग कर दिया , बल्कि ‘व्यामोह’ नाम…