जानबूझकर कम बजट आवंटित कर मनरेगा को कमजोर कर रही है मोदी सरकार- शंकर सिंह
3 फरवरी, 2020, भीम (राजसमंद) आज महात्मा गाँधी नरेगा के 14 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राजसमंद जिले की भीम पंचायत समिति के सामने प्रदर्शन किया गया और उससे पहले मनरेगा मजदूरों ने पूरे भीम शहर में रैली निकाली. रैली में मजदूरों ने बड़ी तादाद में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाये जाने, मनरेगा को ठीक से चलाए जाने, किये काम का पूरा काम देने व देश में सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर लागू नहीं किये जाने को लेकर नारे लगाये.
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य शंकर सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जानबूझकर महात्मा गाँधी नरेगा के लिए कम बजट आवंटित करके इसे लगातार कमजोर कर रही है. उन्होंने कहा कि अभी तक 65 हजार करोड़ से अधिक का खर्चा हो चुका है जिसमें से 10880 करोड़ बकाया है और पूरे २ महीने अभी भी बाकी है जिसके लिए कम से कम और 13 हजार करोड़ रुपये चाहिए इस प्रकार कुल मिलकर 78 हजार करोड़ रुपये चाहिए. केंद्र सरकार ने संशोधित आंकड़ों में भी महात्मा गाँधी नरेगा के लिए 71 हजार करोड़ का प्रावधान किया है जो कम है और अगले वित्त वर्ष के लिए केवल 61 हजार 500 करोड़ का प्रावधान किया है जो बहुत ही कम है इससे मजदूरों को कई महीनों तक उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं होता है क्योंकि गरीब व्यक्ति मजदूरी से ही अपने घर के सारे खर्चे चलाते हैं.
इस अवसर पर कुछ ऐसे मुद्दे भी सामने आये जिससे यूनियन के सदस्य लड़ रहे हैं. इसमें जॉब कार्ड बनवाने के लिए पैसे लेना, काम पूरा करने पर भी रेट कम चढ़ाना, ऐसी साईट पर काम देना जहाँ काम की गुंजाइश कम है और गाँव से दूर काम देना शामिल हैं. इस अवसर पर ग्राम पंचायत कुकड़ा और कालादेह के उदाहरण भी सामने आये जहाँ मजदूरों ने पूरा काम किया किन्तु फिर भी जेइएन सी पी शर्मा ने काम को बिना पूरा नापे कम रेट चढ़ाया. इसकी शिकायत करने पर कुकड़ा में तो रेट बदलकर पूरा रेट चढ़ा दिया किन्तु कालादेह में अभी भी रेट नहीं बदला गया है. इस सन्दर्भ में एक शिकायत उपखंड अधिकारी को दी गयी जिसमें मांग की गयी कि जहाँ पूरा काम हो रहा है वहां दाम भी पूरा दिया जाए. इस शिकायत में मांग की गयी कि कालादेह में भी पूरा रेट दिया जाए तथा ज़रुरत पड़े तो उसकी वसूली जेइएन हो. यह भी मांग की गयी कि जेएइन सी पी शर्मा के द्वारा भरी गयी सब मेजरमेंट बुक की जांच की जाए. उपखंड अधिकारी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इसकी जांच होगी.
इस अवसर पर संविधान सम्मान- भारत जोड़ो समाजवादी यात्रा भी यहाँ पहुंची और उन्होंने अपनी यात्रा का उद्देश्य बताया. यात्रा संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि इस यात्रा का मकसद देश में सौहार्द कायम करना और सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर क्यों लागू नहीं होना चाहिए यह बताना है. सभा को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक रहे डॉ. सुनीलम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर इसलिये लेकर आये हैं क्योंकि वह देश को धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि ये नागरिकता संशोधन कानून पूरी तरह से विभेदकारी है इसलिये इसे हम लागू नहीं होने देंगे. उन्होंने आगे कहा कि मनरेगा में जो लोग काम करते हैं उनकी मजदूरी चुकाने के लिए मोदी जी के पास पैसा नहीं है और अपने ही देश के नागरिकों को नागरिकता सिद्ध करने के लिए 70 हजार से भी अधिक पैसा खर्च करने के लिए तैयार हो गए हैं और लोगों का पाता नहीं कितना पैसा खर्च होगा उसका तो अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है.
इस अवसर पर राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन राज्य सचिव बालुलाल ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार रोज़गार जैसे अन्य कई बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सीएए जैसे जुमले लेकर आये हैं जिससे लोग इसी में उलझकर रह जाएँ और अपने जायज हकों की मांग नहीं करें.
इस प्रदर्शन में राजसमंद जिले की भीम पंचायत समिति की लगभग 10 ग्राम पंचायत व भीलवाडा जिले की मांडल पंचायत समिति की 7 ग्राम पंचायत के 500 महात्मा गाँधी नरेगा मजदूरों ने हिस्सा लिया और आपबीती सुनाई. उन्होंने कहा कि हमारी कई महीने की मजदूरी का भुगतान तो बकाया है ही इसी के साथ कई ग्राम पंचायतों से आये मजदूरों ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में नरेगा में काम ही नहीं मिल रहा है.
सभा के अंत में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम लिखे गए ज्ञापन सबको पढ़कर सुनाये गए और उन सभी बिन्दुओं का सभी उपस्थित जन समूह ने समर्थन किया.
सभा के बाद एक प्रतिनिधिमंडल शंकर सिह के नेतृत्व में उपखंड अधिकारी भीम से राज्य के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन देने गए जिन्हें उपखंड अधिकारी को सौंपा गया.