बेटी की जय जय !
( मोहनलाल सोनल ‘मनहंस’ )
भारत की एक बेटी हुई आकाश सी उँची /बैडमिंटन के मैदान सर्वोच्च शिखर पहुँची.
हैदराबादी पी वी सिंधु ने ऐसा रैकेट संभाला /जापानी खिलाडी को दमखम से हरा डाला.
बासेल की धरती पर तिरंगा उंचा लहराया/जब नोजोमी ओकुहारा को इक्कीस सात से हराया.
रियो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट /पी वी सिंधु कर गई इस बार सबसे बेस्ट .
बैडमिंटन विश्व चैम्पियन बनने वाली पहली भारतीय /बहुत गौरवशाली क्षण भारतीय बेटी की जय जय .
पांच मेडल जीतने वाली दुनिया की दूसरी खिलाडी / विश्व स्तर के पांच फाइनल हारके बाद की यह विजयी पारी .
वतन की बेटियाँ जग में धाक जमाने कम नहीं / विविध क्षेत्रों में उंचाई पाने का दमखम बेटों से उँचा कहीं .
सिंधु सिरमौर नई बैडमिंटन गोल्डन गर्ल /प्रेरणा लेकर और अनेक बेटिया यूं जीतेगी हर खेल .
‘मनहंस’ बधाईयां अनंत यूं इतिहास रचे भारतीय बेटे-बेटी /उपलब्धिया दर्ज होती रहे वतन के नाम अनूठी .