मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च शिक्षा की समीक्षा की।
उच्च शिक्षा को लेकर की समीक्षा हेतु आयोजित बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि -‘राज्य सरकार प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों को अपने निकटतम स्थान पर उच्च शिक्षा मिल सके, इसके लिए इस वर्ष बजट में 50 नए कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है। ‘
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इन कॉलेजों के भवनों का निर्माण एक साल में पूरा हो ताकि विद्यार्थियों को शीघ्र इनका लाभ मिले। दूरी के कारण किसी विद्यार्थी को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होना पडे़, इसे देखते हुए नए कॉलेज जल्द शुरू करना सरकार की प्राथमिकता है।’
उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों में सरकार संसाधनों की कोई कमी नहीं रखेगी। निर्देश दिए कि नए घोषित कॉलेजों के साथ-साथ ऎसे कॉलेज जिनके अब तक भवन नहीं बने हैं, उनका भी जिलावार मैप बनाकर इनके शीघ्र निर्माण की कार्ययोजना तैयार की जाए। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार ऎसे पहलू हैं, जिन पर सरकार का मुख्य फोकस है। दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए सरकारी संसाधनों के साथ-साथ सीएसआर गतिविधियों, भामाशाहों तथा विधायक एवं सांसद निधि के माध्यम से भी सहयोग लिया जा सकता है। कंपनियां सीएसआर गतिविधियों पर पैसा खर्च करती हैं। उनके इस फण्ड का राज्य एवं समाज के हित में जरूरत के अनुसार उपयोग हो, इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। प्रदेश के विकास की दृष्टि से इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
बैठक में बताया गया कि 50 नए घोषित कॉलेजों के शीघ्र संचालन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। फिलहाल भवनों की वैकल्पिक व्यवस्था कर इनमें जल्द शैक्षणिक कार्य शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही 22 ऎसे संचालित कॉलेज जिनके भवन नहीं बने हैं, उनके भवन का निर्माण करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम सुदर्शन सेठी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल, सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा वैभव गालरिया, उद्योग आयुक्त के.के. पाठक, रीको के एमडी गौरव गोयल भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा को लेकर की समीक्षा ।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि -‘राज्य सरकार प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों को अपने निकटतम स्थान पर उच्च शिक्षा मिल सके, इसके लिए इस वर्ष बजट में 50 नए कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है। अधिकारियों से कहा कि इन कॉलेजों के भवनों का निर्माण एक साल में पूरा हो ताकि विद्यार्थियों को शीघ्र इनका लाभ मिले। ‘
दूरी के कारण किसी विद्यार्थी को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होना पडे़, इसे देखते हुए नए कॉलेज जल्द शुरू करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों में सरकार संसाधनों की कोई कमी नहीं रखेगी। निर्देश दिए कि नए घोषित कॉलेजों के साथ-साथ ऎसे कॉलेज जिनके अब तक भवन नहीं बने हैं, उनका भी जिलावार मैप बनाकर इनके शीघ्र निर्माण की कार्ययोजना तैयार की जाए। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार ऎसे पहलू हैं, जिन पर सरकार का मुख्य फोकस है। दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए सरकारी संसाधनों के साथ-साथ सीएसआर गतिविधियों, भामाशाहों तथा विधायक एवं सांसद निधि के माध्यम से भी सहयोग लिया जा सकता है। कंपनियां सीएसआर गतिविधियों पर पैसा खर्च करती हैं। उनके इस फण्ड का राज्य एवं समाज के हित में जरूरत के अनुसार उपयोग हो, इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। प्रदेश के विकास की दृष्टि से इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे।बैठक में बताया गया कि 50 नए घोषित कॉलेजों के शीघ्र संचालन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। फिलहाल भवनों की वैकल्पिक व्यवस्था कर इनमें जल्द शैक्षणिक कार्य शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही 22 ऎसे संचालित कॉलेज जिनके भवन नहीं बने हैं, उनके भवन का निर्माण करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री परसादीलाल मीणा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम श्री सुदर्शन सेठी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल, सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा श्री वैभव गालरिया, उद्योग आयुक्त श्री के.के. पाठक, रीको के एमडी श्री गौरव गोयल भी उपस्थित थे।