(जयपुर। 18 अक्टूबर 2018) डाँगावास में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजन आज भी न्याय के लिए भटकरहे हैं। साथिन भँवरी भटेरी 26 साल बाद भी न्याय के इंतज़ार में है। वहीं, रामदेवरा मंदिर परिसर में डाली बाई की समाधि के (जिसकी पूजा मेघवाल समाज करता है) निकासी द्वार के रास्ते में बने निर्माण को कथित उच्च जाति के लोगों ने तोड़ दिया और पुलिस प्रशासन ने दवाब में मामले में FR लगा दी। राजस्थान में दलित आज भी घोड़ी पर नहीं बैठ पाते। आज भी मैला सिर पर ढोने की प्रथा चालू है।दलितों का सामाजिक बहिष्कार 21वीं सदी में भी हो रहा है। गाँवों में आज भी दलितों के बाल नहीं काटे जा रहे। डेल्टा मेघवाल की हत्या होती है। राजस्थान आज भी दलित अत्याचार में देश में दूसरे नम्बर पर है। जन निगरानी अभियान के चौथे दिन दलित मुद्दों पर कुछ इस तरह की बातें प्रदेश भर से आए लोगों ने साझा की। गुरुवार को शहीद स्मारक पर चल रहे धरने में कई सामाजिक और दलित संगठनों के प्रतिनिधियों ने दलित मुद्दों को सामने रखा और प्रदेश भर में दलितों पर हो रहे अत्याचारों की एक तस्वीर पेश की।गुरुवार को धरने में कविता श्रीवास्तव,गोपाल वर्मा,राम तरुण, नवीन…