फलों में मुझे अमरुद पसंद है !

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अमरुद दुसरे फलों के मुकाबले यह सबसे सस्ता फल है .मैं कहीं सडक पर जाते समय अगर अमरुद बिकता हुआ देखता हूँ तो ज़रूर एक अमरुद में नमक लगवा कर खाते हुए चल देता हूँ .मुझे लगता है कि दिखावे और स्वाद के मारे लोगों की वजह से अमरुद को उसकी सही जगह नहीं मिल पायी है .
यह काफी बेशर्म टाइप का पेड़ है कहीं भी कूड़े के ढेर पर या घर के पीछे उग जाता है और बिना खाद पानी के भी फल देने लगता है .मुझे अमरूद खाने की आदत मेरे पिताजी ने सिखाई .पिताजी पूरे जीवन कभी बीमार नहीं पड़े .वे जहां देखते थे अमरुद ज़रूर लेकर घर आते थे .खुद भी खाते थे और घर भर को खिलाते थे .
इसका एक बहुत नायाब गुण है जिसे अंग्रेजों ने पहचाना है .अंग्रेजों ने इसका नाम गूआवा रखा है ,असल में यह गू  आवा ही है .अगर आपको कब्ज़ की शिकायत है तो रात को एक पका हुआ अमरुद खा लीजिये .सबह गू यानी मल ज़रूर आराम से शरीर से बाहर होगा .अगर अमरुद के गुणों के प्रचार प्रसार के लिए कोई संस्था बनाये तो मैं उसमें मुफ्त में काम करने के लिए तैयार हूँ.
– हिमांशु कुमार

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