क्या पसमांदा शब्द पर पुनः विचार करने की ज़रुरत है ?
जिस शब्द पर इतना खून पसीना लगा हो,उसे क्यों बदला जाये ?( खालिद अनीस अंसारी ) एक-दो दिन से व्हाट्सएप ग्रुप्स में पसमांदा शब्द पर कुछ बहसों को देख रहा था. कुछ लोगों की राय थी कि पसमांदा शब्द को बदलने की ज़रुरत है. मेरे हिसाब से तीन मुख्य!-->…