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नज़रिया
मेरा धर्म मुझे चुनने दो !
(डॉ. राम पुनियानी)
(स्वतंत्रता पर चोट हैं धर्म स्वातंत्र्य कानून)
भारत का संविधान हम सब को अपने धर्म में आस्था रखने, उसका आचरण करने और उसका प्रचार करने का हक़ देता है. यदि कोई नागरिक किसी भी धर्म का पालन!-->!-->!-->!-->!-->…
बड़ा दिन, बड़ा दिल, बड़े लोग !
(डाॅ. महेश अग्रवाल)आज 25 दिसंबर को बड़ा दिन है। बड़ा दिन है तो प्रभु येशु का जन्मदिन, लेकिन हमारे यहां ये बड़ा दिन बड़े लोगों का दिन होता है, इस दिन बड़े लोग, बड़े फैसले करते हैं, बड़े दिल से करते हैं। लेकिन हमारे यहां बड़ा दिन किसी बड़े!-->…
कारसेवक और राम जन्मभूमि आंदोलन !
( पवन बौद्ध )देश में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के गुंबद को हटाया गया और आस्था के नाम पर हिंदू विश्व परिषद, बजरंग दल,विहिप,हिंदू महासभा,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश के कई युवाओं को जोशीले भाषणों, सभाओं के मध्य से अयोध्या जाने का!-->…
क्या कबीर, गोरख और नानक यही चाहते थे ?
( संजय श्रमण )
कबीर क्या अब भी गरीबों दलितों आदिवासियों के लिए क्रान्ति की मशाल बने हुए हैं? यह सवाल बहुत जटिल और खतरनाक है. इसका उत्तर खोजने की बड़ी इच्छा होती है. कबीर को मानने और जानने वालों से गहराई से चर्चा कीजिये तो पता चलता है!-->!-->!-->…
कोई सूरत नज़र नहीं आती, फिर भी कलम चल रही है !
( डॉक्टर दुर्गा प्रसाद अग्रवाल )लिखने पढ़ने का शौक रखने वालों के लिए किताबें जीवन का पर्याय होती हैं. वे इससे ज़्यादा कुछ नहीं चाहते कि उन्हें लगातार उम्दा किताबें मिलती रहें. किताबों का मिलना उनके छपने पर निर्भर है और छपना उनके लिखे जाने!-->…
एस सी / एस टी एक्ट का सही क्रियान्वयन क्यों नहीं हो पा रहा है ?
( रक्षित परमार )आइए जानते हैं कि आखिर क्या ऐसी दुविधाएं हैं कि अनुसूचित जाति -जनजाति कानून इसके मूर्त रूप में नहीं आ पा रहा है ? इसके पीछे बहुत से ऐसे कारण हैं जिनको जानना ज़रूरी हैं , सबसे पहला कारण शुरू होता हैं , स्थानीय पुलिस!-->…
रचना होगा अपना साहित्य, लिखना होगा अपना इतिहास !
( नवल किशोर कुमार )इतिहास सचमुच में बेहद दिलचस्प विषय है। यह एक विज्ञान की तरह है। इसमें भी न्यूटन के गति के नियमों की तरह सिद्धांत हैं। कोई भी क्रिया तबतक नहीं होती जबतक की न जाय। भारत का इतिहास जरा अलग है। असल में विज्ञान के मामले में!-->…
हाशिये के समुदाय : तीन इतिवृत्त
( राजा राम भादू )
हाशिये के समुदायों पर सामाजिक- सांस्कृतिक सामग्री का नितांत अभाव मिलता है। आदिवासी समुदायों पर भारतीय नृतत्वशास्त्र सर्वेक्षण के अन्तर्गत कुछ मोनोग्राफ प्रकाशित हुए हैं। लेकिन ये दशकों पुराने हैं और इन्हें अद्यतन नहीं!-->!-->!-->…
लोग हो गये गोरधन !
( राजा राम भादू )दीपावली से जुड़ी पर्व- श्रृंखला में गोबर्धन भी एक पर्व है। इस दिन की महिमा मैं ने वैसी अन्यत्र नहीं देखी जैसी ब्रज में विद्यमान है। मथुरा के निकट गोबर्धन है। उसी अंचल में गोवर्धन पर्वत स्थित है। पहाड की परिभाषा के हिसाब से!-->…
वामपंथियों को गद्दार कहने वाले जरुर पढ़े !
( मनीष सिंह )
हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी नाम का एक संगठन उस जगह बना था, जिसे आप फिरोजशाह कोटला कहते है, आज क्रिकेट की वजह से जाना जाता है। वह कोटला जो सुल्तान फिरोजशाह की आरामगाह था। वह मुसलमान सुल्तान जिसने अशोक के धराशायी हो!-->!-->!-->…