जवाबदेही यात्रा पहुंची बूंदी
सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और जन प्रतिनिधि यदि समय पर काम नहीं करे तो इनकी भी तनख्वाह काटी जाए और जिनको इनको वजह से भटकना पड़े उनको मुआवजा दिया जाए – शंकर सिंह
बूंदी, 5 जनवरी, 2022 जवाबदेही यात्रा आज 17वें दिन बूंदी जिला मुख्यालय पहुंची। यहां उच्च माध्यमिक विद्यालय से जिला कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली।रैली में जवाबदेही कानून पास करो और जवाबदेही कानून पास करना होगा नहीं तो रोज धरना होगा आदि नारे लगाए।
गांधी पार्क में हुई सभा
जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर पहुंचते ही लोगों ने जबरदस्त नारेबाजी की। यहां पर गांधी जी के प्रतिमा के सामने सभा हुई जिसमें सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान से जुड़े शंकर सिंह ने कहा कि सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और जन प्रतिनिधि यदि समय पर काम नहीं करे तो इनकी भी तनख्वाह काटी जाए और जिनको इनकी वजह से भटकना पड़े उनको मुआवजा दिया जाए।
अभियान से जुड़े मूलचंद शर्मा ने कहा कि पत्थर से पैसा उद्योगपति एवं सरकार कमा रही है लेकिन इसमें काम करने वाले मजदूर सिलिकोसिस से मरने के लिए छोड़े जा रहे हैं और उसकी रोकथाम के लिए उचित प्रावधान और कार्यवाही नहीं की जा रही है। सभी सिलिकोसिस पीड़ितों को तुरंत सहायता राशि मिले और जहां पर ये बीमारी हो रही हैं वहां पर बचाव के हर संभव उपाय किए जाएं।
सभा को संबोधित करते अभियान से जुड़े मुकेश निर्वासित ने कहा किअब समय आ गया है कि सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही तय हो, लोग कब तक चक्कर लगाते रहेंगे। ये कानून राज्य के मुख्यमंत्री को बनाना ही होगा।
सामाजिक कार्यकर्ता पारस बंजारा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुए वंचितों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा है और उसके पीछे सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की उदासीनता एक बड़ा कारण है।
अभियान से जुड़ी प्रेम कंवर डांगी ने कहा कि 2018 में जवाबदेही कानून बनाए जाने का वादा चुनाव घोषणा पत्र में किया था और उसके बाद 2019 के बजट में भी यह कानून लाने की घोषणा की थी लेकिन आज तक कानून नहीं लाया गया है। इसलिए अशोक गहलोत वादा खिलाफी कर रहे हैं।
सभा के दौरान विनीत भांभू, रामकरण, वंदना प्रभा, स्वरूप खान, अमृता, एना, मेहविश, जितेंद्र कुमार, दिलीप सालवी आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखें।
सिलिकोसिस पीड़ित सहायता राशि एवं जांच के लिए लंबित
बूंदी जिले में 81 मामले सहायता राशि भुगतान के लिए लंबित है और 32 मामले नोडल ऑफिसर के स्तर पर रिजेक्ट हुए हैं जो बहुत ही गंभीर है। कुछ मामले जांच के लिए भी लंबित है।
जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। तथा अभियान की ओर से शंकर सिंह, भंवर मेघवंशी, पारस बंजारा, कमल कुमार, मुकेश निर्वासित, ऐना, वंदना प्रभा, मूलचंद शर्मा आदि उपस्थित थे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों ने सभी मुद्दों को सुना और एक एक मुद्दे पर चर्चा हुई। यात्रा को जो शिकायतें मिली उनको दर्ज कर निश्चित समयसीमा में निपटारा करने का आश्वासन दिया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी को सौंपी शिकायतें
जवाबदेही यात्रा में शिकायतों की जिम्मेदारी देख रही वंदना प्रभा ने बूंदी जिले में प्राप्त शिकायतों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बूंदी को सौंपा, अब ये शिकायतें सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के एसीपी द्वारा जवाबदेही यात्रा 2021 इवेंट में दर्ज की जाएगी।