घृणा के वायरस से सावधान रहने की अपील
रविवार 19 अप्रैल के ‘टाईम्स आफ इंडिया‘ में सागरिका घोष का एक लेख प्रकाशित हुआ है जिसमें वे कहती हैं कि घृणा का वायरस कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक है। कोरोना वायरस पर तो विजय पाई जा सकती है परंतु यदि घृणा का वायरस फैल गया तो उसे नियंत्रित करना लगभग असंभव होगा। जब से हमारा देश कोरोना के चंगुल में आया है तब से देश में काफी हद तक सौहार्द का वातावरण है। परंतु बीच-बीच में कुछ लोग साम्प्रदायिकता का जहर फैलाने का प्रयास करते हैं।
तबलीगी जमात को लेकर ऐसा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसमें संदेह नहीं कि तबलीगी जमात के कर्ता-धर्ताओं ने जघन्य अपराध किया है और इसके लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। परंतु इसे लेकर कुछ लोग, विशेषकर कुछ टीवी चैनल यह प्रचार कर रहे हैं कि यदि तबलीगी जमात की घटना नहीं होती तो पूरा भारत इस महामारी से मुक्त रहता।
इसी तरह इंदौर सहित कुछ शहरों में डाक्टरों और पुलिसकर्मियों पर जो हमले हुए हैं उन्हें कुछ चैनल बार-बार याद दिलाते हैं परंतु ये चैनल यह नहीं बता रहे हैं कि इन्हीं स्थानों के मुस्लिम समाज के अनेक लोगों ने इन घटनाओं की तीव्र शब्दों में निंदा की है। इंदौर के अनेक मुसलमानों ने अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाकर क्षमा मांगी है।
जो लोग घृणा फैलाने वाली ऐसी भत्सर्ना योग्य हरकतें कर रहे हैं उन्हें पुलिस व प्रशासन को दंडित करना चाहिए। हमारी अपील है कि ऐसी घटनाओं के बहाने समाज में घृणा फैलाने वालों को भी दंडित किया जाना चाहिए। समाज को भी ऐसे विघ्न संतोषी लोगों पर नजर रखनी चाहिए और जिन्हें भी ऐसी घटनाएं देखने या सुनने को मिलें उन्हें तुरंत पुलिस व प्रशासन को इसकी सूचना देनी चाहिए। आप सबसे ऐसी सूचना भोपाल के निम्न मोबाईल एवं लैंडलाईन नंबरों पर भी देने का अनुरोध है।
सूचना प्राप्त होते ही हम संबंधित उच्चाधिकारियों का ध्यान आकर्षित कर यथेष्ट हस्तक्षेप करने का प्रयास करेंगे।