हिमांशु कुमार का कोई एनजीओ नहीं है !
जब हम आदिवासियों के पक्ष में आवाज़ उठाते हैं,तो बहुत से खाते पीते मौज की ज़िन्दगी जीने वाले सवर्ण हमसे कहते हैं कि तुम लोग विदेशी एजेंट हो, डालर से चंदा लेते हो, हवाई जहाज से घूमते हो सरकार के बारे में झूठा प्रचार करते हो, और आदिवासियों का विकास रोकते हो, तुम लोग विकास विरोधी हो आदि आदि.
तो कुछ बातें साफ़ साफ़ बता दूं, मेरा कोई एनजीओ नहीं है, मैं किसी भी संगठन का सदस्य नहीं हूँ, मैं डालर, पाऊंड, रूबल या रूपये में किसी से चंदा नहीं लेता,मैं अनुवाद का काम करता हूँ, अथवा लेख लिखता हूँ और अपना परिवार का काम चलाता हूँ.
पहले छत्तीसगढ़ में संस्था के आश्रम में रहता था. वहाँ से निकलने के बाद दिल्ली में रहा लेकिन दिल्ली में ज्यादा खर्च होता था इसलिए अब एक हिमाचल के एक गांव में रहता हूँ. ताकि कम खर्च में गुज़ारा हो जाए.
मेरी दो बेटियाँ हैं दोनों घर पर पढ़ती हैं उनका स्कूल कालेज का कोई खर्चा नहीं है.हम सभी शाकाहारी हैं सस्ता गांव का चावल और सब्जियां खाते हैं, एसी कूलर की ज़रूरत नहीं है.
मेरे नाम से पूरी दुनिया में कोई ज़मीन नहीं है, मेरा कोई मकान नहीं है, ना ही मैंने किसी दुसरे के नाम से कोई ज़मीन मकान कभी खरीदा है क्योंकि कभी मेरे पास इतना पैसा रहा ही नहीं. मैं हमेशा किराए के मकान में रहा हूँ.
मैं किसी का अनुयायी नहीं हूँ ना गांधी का ना मार्क्स का ना अम्बेडकर या किसी और का,मैं इन सभी के अच्छे विचारों से प्रेरणा ज़रूर लेता हूँ.मैं एक मुक्त इंसान हूँ, मेरे दोस्त न्याय की लड़ाई लड़ने वाले दलित आदिवासी, अल्पसंख्यक हैं,
मैं अपने जन्म से मिली जाति धर्म सम्प्रदाय और राष्ट्र के नकली गर्व को छोड़ चूका हूँ, मैं अपने खुद के धर्म की तलाश में हूँ अभी तक मुझे यही समझ में आया है कि मैं सत्ता के दमन का विरोध और पीड़ित की मदद करूं यही मेरे लिए सबसे अच्छा धर्म है.
सभी सरकारें मुझे नापसंद करती रही हैं कांग्रेस की भी और भाजपा की भी.मेरे लिखने और पीड़ितों की मदद करने के कारण मुझे कभी भी जेल में डाला जा सकता है या मेरी हत्या करी जा सकती है.
मुझे अब तक के जीवन पर पूरा संतोष है.मैं सदैव उत्साह और खुशी से भरा रहता हूँ मेरे मन पर कोई बोझ नहीं है. मुझे शान्ति प्राप्त करने के लिए किसी गुरु या ईश्वर की कोई ज़रूरत महसूस नहीं होती.मेरे लिए ये दुनिया बहुत आश्चर्यजनक जगह है मैं रोज़ इसमें एक उत्सुक बच्चे की तरह जागता हूँ और दिन भर उत्साह से भरा रहता हूँ.मेरे ज्यादातर दोस्त मेरी ही तरह के लोग हैं मैं उनकी संगत में बहुत आनन्द से जी रहा हूँ.